पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना को मिली रूस से नई Igla-S एयर डिफेंस मिसाइलें

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना को रूस में बनी Igla-S एयर डिफेंस मिसाइलों की नई खेप मिल गई है। ये मिसाइलें बेहद कम दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को मार गिराने में मदद करेंगी।
सेना सूत्रों के मुताबिक, ये मिसाइलें हाल ही में सेना को सौंपी गई हैं और इन्हें बॉर्डर पर तैनात अग्रिम पोस्टों पर भेजा जा रहा है। यह सप्लाई आपातकालीन खरीद की मंजूरी के तहत हुई है। इस सौदे की कीमत करीब 260 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
भारतीय वायुसेना ने भी इसी तरह की इन्फ्रारेड सेंसर वाली VSHORADS मिसाइलें खरीदने का करार किया है।
पिछले कुछ सालों में भारतीय सेनाओं ने तेज और आपातकालीन खरीद के जरिए अपने हथियार भंडार को मजबूत किया है। खासतौर पर स्पेयर पार्ट्स और जरूरी साजो-सामान पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, ताकि ऑपरेशन के समय किसी रुकावट का सामना न करना पड़े।
नई Igla-S मिसाइलों के साथ सेना ने 48 और लॉन्चर और करीब 90 मिसाइलें खरीदने के लिए भी टेंडर जारी किया है। इसके अलावा लेजर बीम राइडिंग VSHORADS मिसाइलें खरीदने की तैयारी भी चल रही है।
Igla-S, Igla मिसाइल का नया और बेहतर वर्जन है, जो 1990 के दशक से सेना के पास है। पुराने वर्जन की मिसाइलों को भी देश में ही एक भारतीय कंपनी द्वारा अपग्रेड किया गया है।
पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सेना की तरफ से ड्रोन खतरे को देखते हुए भारतीय सेना को बड़ी संख्या में मिसाइलें और एडवांस ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम की जरूरत है।
सेना ने स्वदेशी Integrated Drone Detection and Interdiction System की Mark 1 यूनिट भी तैनात की है, जो 8 किलोमीटर दूर तक ड्रोन को पकड़ने, जाम करने और खत्म करने की क्षमता रखता है। हाल ही में सेना ने इसी सिस्टम की मदद से जम्मू रीजन में पाकिस्तान सेना का एक ड्रोन मार गिराया था।
इसके साथ ही DRDO ने भी लंबी दूरी तक काम करने वाली और ज्यादा ताकतवर लेजर हथियार विकसित किया है, जो युद्ध के समय बड़े ड्रोन, क्रूज मिसाइल और दुश्मन के विमानों को गिराने में मदद करेगा।
सेना को जल्द ही ऐसे हल्के और पोर्टेबल रडार भी मिलने वाले हैं, जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन और विमानों का तेजी से पता लगाकर उन्हें खत्म कर सकें।
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